छह सौ पुलिस अधिकारी जुड़े, नवाचारों पर मंथन
जयपुर। राजस्थान पुलिस अकादमी में शुक्रवार का दिन पुलिसिंग की दृष्टि से बड़ा महत्वपूर्ण रहा। शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा के निर्देशन में उत्कृष्टता के साथ पुलिसिंग-आगे की राह विषय पर राज्य स्तरीय पुलिस सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन से ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर राजस्थान के 600 पुलिस अधिकारी जुड़े और आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरे दिन तकनीकी नवाचारों, सामाजिक सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर मंथन किया। राज्य स्तरीय पुलिस सम्मेलन 2025 के उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि अनिल पालीवाल महानिदेशक पुलिस, प्रशिक्षण एवं यातायात रहे ।
सत्र के प्रारम्भ में महानिदेशक/महानिरीक्षक पुलिस, सम्मेलन की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि व उसके मुख्य मुद्दों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। तत्पश्चात संजीव कुमार नार्जारी, निदेशक राजस्थान पुलिस अकादमी द्वारा सम्मेंलन का परिचय व अतिथियों का स्वागत कर उदबोधित किया।
गोविन्द गुप्ता, महानिदेशक पुलिस एसीबी ने अपने उदबोधन में कहा कि पुलिस के प्रत्येक व्यक्ति को बदलते परिपेक्ष्य के अनुसार दक्ष होने की आवश्यकता है और पुलिस नवाचारों हेतु सदैव कार्य करे व कुशलता बढाये। आज पुलिस में डाटा बेस कन्फर्मेशन की सख्त आवश्यकता है। श्रीमती मालिनी अग्रवाल, महानिदेशक, पुलिस महानिदेशक एवं कमान्डेन्ट जनरल गृह रक्षा ने कहा कि सम्मेलन में एक साथ चर्चा होने पर विषय वस्तु में हम अद्यतन होते हैं। तकनीक का सहारा ले रहे अपराधियों का सामना करने के लिए पुलिस भी अपडेट हो चुकी है तथापि क्षेत्र अनुसार अलग -अलग कान्फ्रेन्स की जाकर रणनीति बनाई जानी चाहिए।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि अनिल पालीवाल महानिदेशक पुलिस, प्रशिक्षण एवं यातायात ने अपने उदबोधन में सम्मेलन की विषय वस्तु की विशेषताओं और अपराध के वर्तमन परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुये श्रीमद्भगवतगीता के उद्दरण ’’इच्छति - जानति - करोति’’ की महता पर बल दिया व नये व पुराने तरीकों को समायोजित करते हुये तकनीकों एवं मानवीय पहलुओं में सामन्जस्य रखते हुये नये आपराधिक कानूनों के महत्वपूर्ण प्रावधानों, विशेष रुप से सम्पत्ति संबंधी एवं जालसाजी अपराधों के विशेष प्रावधानों, आर्टीफिशियल इन्टेलीजेन्स, (एआई), चैट जीपीटी, डीप फेक एण्ड इन्टरनेट ऑफ थिंग्स् विकनेस, ऑपोरच्यूनिटी एवं थ्रेट के विषय के रूप में जानकारी साझा करना, महिलाओं, बच्चों और समाज के कमजोर वर्गों के विरूद्व अपराधों, प्रतिक्रिया तन्त्र को मजबूत करने, मामलों की प्रभावी जांच और समय पर न्याय सुनिश्चित करने व सडक़ सुरक्षा और यातायात प्रबन्धन तथा मृत्यु दर कम करने की रणनीति के तहत पुलिसिंग करने पर बल दिया। उदघाटन सत्र के अन्त में आरपीए के अतिरिक्त निदेशक शंकर दत्त शर्मा ने सम्मेलन में पधारे व ऑनलाईन माध्यम से जुडे अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मेलन का संचालन डॉ.अनुकृति उज्जैनिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरपीए द्वारा किया गया।

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